जाति प्रमाण पत्र करता है और इसकी आवश्यकता क्यों होती है?
जाति प्रमाण पत्र किसी के जाति विशेष के होने का प्रमाण है विशेष कर ऐसे मामले में जब कोई पिछड़ी जाति के लिए जाति का हो जैसा कि भारतीय संविधान में विनिर्दिष्ट है। सरकार ने अनुभव किया कि बाकी नागरिकों की तरह ही समान गति से उन्नति करने के लिए पिछड़ी जाति को विशेष प्रोत्साहन और अवसरों की आवश्यकता है। इसके परिणाम स्वरूप, रक्षात्मक भेदभाव की भारतीय प्रणाली के एक भाग के रूप में इस श्रेणी के नागरिकों को कुछ लाभ दिया जाता है, जैसा कि विधायिका और सरकारी सेवाओं में सीटों का आरक्षण, स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला के लिए कुछ या पूरे शुल्क की छूट देना, शैक्षिक संस्थाओं में कोटा, कुछ नौकरियों में आवेदन करने के लिए ऊपरी आयु सीमा की छूट आदि। इन लाभों को प्राप्त करने में समर्थ होने के लिए पिछड़ी जाति के व्यक्ति के पास वैध जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
कानूनी ढांचा
भारतीय संविधान के अधिनियम १९९४ की अनुसूची के अनुसरन में पिछड़ी जाति की सांविधिक सूची अधिसूचित की गई। इन सूचियों को समय समय पर परिवर्तित। संशोधन/सम्पूरक किया गया। राज्यों के पुनसंगठन पर पिछड़ी जाति सूची (परिवर्तन) अधिनियम १९९४ (यथा संशोधित) की अनुसूची २ से प्रवृत्त हुआ। इसलिए पिछड़ी जाति की सूची के संबंध में कुछ अन्य आदेश व्यष्टि राज्यों में प्रवृत्त हुए।
जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता है?
आवेदन प्रपत्र ऑनलाइन या शहर/नगर/गांव में स्थानीय संबंधित कार्यालय CSC में उपलब्ध होता है, जो सामान्यता एसडीएम का कार्यालय (सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट) या तहसील या राजस्व विभाग होता है। यदि आपके परिवार के किसी भी सदस्य को पहले जाति प्रमाणपत्र जारी करने के पहले स्थानीय पूछताछ की जाती है। न्यूनतम निर्दिष्ट अवधि तक आपके अपने राज्य में निवास का प्रमाणप एक वचन पत्र जिसमें यह उल्लेख हो कि आप पिछड़ी जाति के हैं और आवेदन के समय विशिष्ठ अदालती स्टैम्प शुल्क अपेक्षित होते हैं।
जरूरी कागजात
1. राशन कार्ड की प्रतिलिपि
2. वोटर आईडी0 कार्ड
3. शपथ पत्र
4. 2 फोटोग्राफ
5.आधार कार्ड
जाति प्रमाण पत्र किसी के जाति विशेष के होने का प्रमाण है विशेष कर ऐसे मामले में जब कोई पिछड़ी जाति के लिए जाति का हो जैसा कि भारतीय संविधान में विनिर्दिष्ट है। सरकार ने अनुभव किया कि बाकी नागरिकों की तरह ही समान गति से उन्नति करने के लिए पिछड़ी जाति को विशेष प्रोत्साहन और अवसरों की आवश्यकता है। इसके परिणाम स्वरूप, रक्षात्मक भेदभाव की भारतीय प्रणाली के एक भाग के रूप में इस श्रेणी के नागरिकों को कुछ लाभ दिया जाता है, जैसा कि विधायिका और सरकारी सेवाओं में सीटों का आरक्षण, स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला के लिए कुछ या पूरे शुल्क की छूट देना, शैक्षिक संस्थाओं में कोटा, कुछ नौकरियों में आवेदन करने के लिए ऊपरी आयु सीमा की छूट आदि। इन लाभों को प्राप्त करने में समर्थ होने के लिए पिछड़ी जाति के व्यक्ति के पास वैध जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
कानूनी ढांचा
भारतीय संविधान के अधिनियम १९९४ की अनुसूची के अनुसरन में पिछड़ी जाति की सांविधिक सूची अधिसूचित की गई। इन सूचियों को समय समय पर परिवर्तित। संशोधन/सम्पूरक किया गया। राज्यों के पुनसंगठन पर पिछड़ी जाति सूची (परिवर्तन) अधिनियम १९९४ (यथा संशोधित) की अनुसूची २ से प्रवृत्त हुआ। इसलिए पिछड़ी जाति की सूची के संबंध में कुछ अन्य आदेश व्यष्टि राज्यों में प्रवृत्त हुए।
जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता है?
आवेदन प्रपत्र ऑनलाइन या शहर/नगर/गांव में स्थानीय संबंधित कार्यालय CSC में उपलब्ध होता है, जो सामान्यता एसडीएम का कार्यालय (सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट) या तहसील या राजस्व विभाग होता है। यदि आपके परिवार के किसी भी सदस्य को पहले जाति प्रमाणपत्र जारी करने के पहले स्थानीय पूछताछ की जाती है। न्यूनतम निर्दिष्ट अवधि तक आपके अपने राज्य में निवास का प्रमाणप एक वचन पत्र जिसमें यह उल्लेख हो कि आप पिछड़ी जाति के हैं और आवेदन के समय विशिष्ठ अदालती स्टैम्प शुल्क अपेक्षित होते हैं।
जरूरी कागजात
1. राशन कार्ड की प्रतिलिपि
2. वोटर आईडी0 कार्ड
3. शपथ पत्र
4. 2 फोटोग्राफ
5.आधार कार्ड
0 comments:
Post a Comment