WelCome you Fast CSC and CSC Academy Fatehabad

Happy New Year 2019, हरियाणा डाक सेवक पद हेतु जरूरी कम्प्यूटर कोर्स के लिए संपर्क करे फास्ट सी एस सी फतेहाबाद, Train Booking, Bijli Bill, online Payment, Air Ticket, Cinema Ticket, Past Years Income tax ITR, Gst Retun, Pesticides and Seed Licencing,Passport,Voter Card,Aadhar Card,Old age,Penssion,All Type Insurance,Bima,Basic Computer Course,Pmgdisha Course,Dish Recharge,Labour Copy,Gass Connection, ant all other services: Contact us,Cell 9416107685,fastcsccenter@gmail.com, www.fastcsc.online,Head office Street No 9 Kirti Nagar Road Fatehabad

Achievments title

Cm Haryana Sh ML KHATTAR Masage on Csc

Achievments title

www.fastcsc.online

Achievments title

Agreement by Prime minister Mr Modi with gass companies for Providing Gass services on Csc

Achievments title

Csc Memories With Csc Disstrict manager Lovlesh Grover, Edm miss Shilpa, Coordinator Mr Rajkumar

Achievments title

Deputy Commissioner fatehabad with Fast Csc Team

Achievments title

Minister of csc department Govt of India

Achievments title

Certificate of BCC

Friday 8 May 2020

BMB BANK

BMB PRIMARY BANK

OUR ATTRACTIVE SCHEMES

0 BALANCE SAVING ACCOUNT

* 7.25%INTEREST RATE ON SAVING ACCOUNT

*15.25%  Loan (Attractive Interest Rates)

*11% On RD (Reccuring Deposit)

*12% On FD (Fixed Deposit)

 WHAT IS BMB PRIMARY BANK
BMBPRIMARYBANK FATEHABAD -9416107685

BHANKHUR MUTUAL BENEFIT NIDHI LIMITED A company declared as a Nidhi or Mutual Benefit under section 620A of the Companies Act, 2013. These Nidhi companies have many features which make them stand distinctly apart from many other Non-Banking financial institutions who are working under the guidelines of Reserve Bank India.
BHANKHUR MUTUAL BENEFIT NIDHI LIMITED has the rules and objectives which are the same as a Bank, but only in effect to someone (a members group) who has agreed or joined this agreement, as a bank, but to do business for it’s Members only.So if the term is a quasi-bank, rules and objectives bit similar like the commercial bank, but these things are only in effect to someone (a members group) who has agreed/joined on this agreement.
As if a bank, but not the one honoured to do business for public. Performing through Banking system which comes under the Nidhi, DCA, NBFC and RBI, BHANKHUR MUTUAL BENEFIT NIDHI LIMITED. Is introducing a lot of ideas to make our nation financially strong and that is the reason we are one of the fastest growing NIDHI company in the industry. We provide best services to our members and trying to make it much better to people and to the nation. Providing a world class financial support, BHANKHUR MUTUAL BENEFIT NIDHI LIMITED. is continuously securing the society. On the other side, creating all new service methods spontaneously BMB Nidhi Ltd. is presenting a pleasant way which helps human beings to lead the life comfortably. In that case undoubtedly we can say BHANKHUR MUTUAL BENEFIT NIDHI LIMITED Ltd is the New Way of Savings.
FATEHABADBRANCH
FAST CSC & BANKING CENTER
STREET NO 9 KIRTI NAGAR ROAD
FATEHABAD 9416107685

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Fast Consumer Durable Loan

Consumer-Durable-Loan-9416107685उपभोक्ता स्थाई ऋण कैसे लें
कंस्यूमर ड्यूरबल ऋण लेने के लिए आपको अपना आधार कार्ड पैन कार्ड तथा फोन लेकर हसे सम्पर्क करना है हम आपकी जरुरत के मुताबिक़ फाइल बना कर हमारे बैंक टीम को भेज देते है हमारे बैंक की टीम आपसे तुरंत सम्पर्क करती है तथा आपकी फाइल को पूरा करके आपको वित्तीय ऋण पास करके आपको  आपकी जरुरत के मुताबिक़ घरेलू उपकरण दिलवा देती है |
कंस्यूमर ड्यूरबल लोन एक उन लोगों के लिए बहुत बढ़िया विकल्प है जो घरेलू उपकरण या इलेक्ट्रॉनिक के सामान जैसे टीवी, रेफ्रीजिरेटर, एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, होम थिएटर, लैपटॉप इत्यादि के लिए लोन लेना चाहते हैं जिसकी रकम हमारे वित्तीय संस्थान दुवारा दे दी जाती है फिर धीरे धीरे किस्तों में ग्राहक से वसूल की जाती है ।
       कंस्यूमर ड्यूरबल लोन प्राप्त करके आप इन प्रोडक्ट्स को खरीद सकते हैं और 6 महीने से 24 महीने तक के आसान अवधि में ख़रीदारी की लागत चुका सकते हैं।
सम्पर्क आपको किसी भी तरह के वित्तीय ऋण के लिए हमारे कार्यलय फास्ट सीएससी एवं बैंकिग सेंटर गली न कीर्ति नगर रोड भाटिया कालोनी फतेहाबाद में आना है या 9416107685 पर अपनी जरुरत व्हाट्सअप पर लिखनी है |

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Thursday 14 February 2019

फास्ट सीएससी पर प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के आवेदन

Pradhan Mantri Shram Yogi Mandhan Pension Yojana14 फरवरी-मनोज कुमार फतेहाबाद | श्रमयोगी मानधन योजना के आवेदन जल्द आरंभ होने जा रहे हैं | फास्ट
योजना के बारे अधिक जानकारी देेते हुए बताया कि घरों में काम करने वाले नौकर, ड्राइवर, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, भवन श्रमिक, बीड़ी बनाने तथा जूते संवारने इत्यादि का काम करने वाले कामगर, मिड डे मील के वर्कर इसका फायदा उठा सकते हैं। इस योजना के तहत जुडऩे वाले कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार 15 फरवरी या उसके बाद इस योजना को चुन सकते हैं। उपायुक्त ने बताया कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 18 से 40 वर्ष तक के श्रमिक लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। इसके लिए उन्हें उम्र के अनुसार निर्धारित अंशदान प्रति मास जमा करवाना होगा। योजना के लिए 18 साल के लाभार्थी को कम से कम 55 रुपये तथा 40 साल के लाभार्थी को अधिकतम 200 रुपये का अंशदान जमा करवाना होगा। लाभार्थी के अंशदान के बराबर की राशि सरकार द्वारा भी उसके खाते में जमा करवाई जाएगी।
इस योजना में आवेदन करने वाले व्यक्ति की मासिक आय 15 हजार रुपए से कम होनी चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना जरुरी है। इसके साथ ही आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास बैंक खात होना भी अनिवार्य है। उपायुक्त ने बताया कि 60 साल की उम्र पूरा होने के बाद लाभार्थी को 3000 रुपये की मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। पेंशन शुरू होने के बाद लाभार्थी की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा पति पेंशन की हकदार होगी और उसे पेंशन राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
सीएससी भाटिया कालोनी फतेहाबाद स्थित ग्राहक सेवा केंद्र पर योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन किए जा सकेंगे। मनोज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि  20 फरवरी से फास्ट सीएससी पर विधिवत शुरूआत कर दी जाएगी।
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Sunday 6 January 2019

Fast Tag for Small Vehicles

Fast Tag for Small Vehicleफास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर 
फास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर  एक इलोक्टोनिक डिवाइस है जो एक प्लास्टिक के टैग /स्टिकर की तरह होता है यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइ‍डेंटिफिकेशन तकनीक (आरएफआईडी) पर आधारित एक टैग है. इसे कई  बार यूज किया जा सकता है. दरअसल फास्टैग में एक डिवाइसनुमान सेंसर होता है, जिसे आपको अपनी कार या अन्य के विंडस्क्रीन पर लगाना होता है. अगर  आपकी कार पर यह टैग लगा होगा, तो आप टोल प्लाजा पर बिना रुके गुजर सकेंगे. यह टैग टोल प्लाजा पर लगे सेंसर से कनेक्ट होता है और अपने आप ही आपका टोल भर देता है.|
हमारे फास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर में एक ख़ास विशेषता है कि यह जी पी एस ट्रैकर व एंटी थेफ़्ट डिवाइस की तरह सभी गुप्त कार्य सफलता पूर्वक करता है जबकि इसकी किसी को भनक भी नहीं लगती |
Fast Tag on Small Vehicleफास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइ‍डेंटिफिकेशन तकनीक (आरएफआईडी) पर आधारित एक टैग है. इसे कई  बार यूज किया जा सकता है. दरअसल फास्टैग एक डिवाइसनुमान सेंसर होता है, जिसे आपको अपनी कार के विंडस्क्रीन पर लगाना होता है. अगर  आपकी कार पर यह टैग लगा होगा, तो आप टोल प्लाजा पर बिना रुके गुजर सकेंगे. फास्ट टैग युक्त गाडीओं के लिए हर टोल पलाजा (टोल गेट ) पर एक विशेष गेट बनाया गया होता है जिस गेट से आपने बिना रुके वी आई पी गाड़ीउं की तरह अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाना है 
यह टैग टोल प्लाजा पर लगे सेंसर से कनेक्ट होता है और अपने आप ही आपका टोल भर देता है बशर्ते की आपके फास्ट टैग में पर्याप्त बैलेंस होना चाहिए
कार टाटा ऐस ,छोटे परसनल वाहन के लिए हमारे फास्ट टैग पर 7 .5 % की कैश बैक स्कीम दी जा रही है कोड न 4  टैग सिर्फ इस तरह की गाडीओं के लिए निर्धारित किया गया है जिसकी कीमत 550 -00 रु + डाक खर्च 50 -00  निर्धारिय किया गया है   |
एक्टीवेशन के लिए कागजात -याग फास्ट टैग आपको एक्टीवेट करने के उपरान्त रेडी टू  यूज  स्थिति में भेजा जाता है |
टैग को एक्टीवेट करने के लिए आपके कुछ कागजात की जरुरत होती है जिसमें:-
 1 - आपकी एक आई डी जो आधार कार्ड ,वोटर पहचान पात्र या ड्राइविंग लाइसेंस में से कोइ एक हो सकती है |
 2 -आपकी गाड़ी की आर.सी/ रजिस्ट्रेशन बुक की प्रति |
 3 -एक आपकी गाड़ी की फ्रंट से खींची गयी फोटो |
 4 -आपकी पासपोर्ट साइज की फोटो व् मोबाइल नंबर | 
फास्ट टैग को अपने लिए एक्टीवेट कराने के लिए यह सभी  कागजात हमें मेल ( FASTCSCCENTER@GMAIL ) कर सकते हैं ता आप हमें हमारे व्हाट्सअप नंबर (9416107685) पर  भी भेज सकते है  व् टैग लागत रकम आप हमारे पेटम 9416107685 /भीम यू पी आई 94161@UPI  खाते में डाल सकते है   |
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Friday 4 January 2019

फ़ास्ट टैग ऑनलाइन

fasttag-online

फास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर

फास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर एक इलोक्टोनिक डिवाइस है जो एक प्लास्टिक के टैग /स्टिकर की तरह होता है यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइ‍डेंटिफिकेशन तकनीक (आरएफआईडी) पर आधारित एक टैग है. इसे कई  बार यूज किया जा सकता है. दरअसल फास्टैग में एक डिवाइसनुमान सेंसर होता है, जिसे आपको अपनी कार या अन्य के विंडस्क्रीन पर लगाना होता है. अगर  आपकी कार पर यह टैग लगा होगा, तो आप टोल प्लाजा पर बिना रुके गुजर सकेंगे. यह टैग टोल प्लाजा पर लगे सेंसर से कनेक्ट होता है और अपने आप ही आपका टोल भर देता है.|
हमारे फास्टैग कम जी पी एस ट्रैकर में एक ख़ास विशेषता है कि यह जी पी एस ट्रैकर व एंटी थेफ़्ट डिवाइस की तरह सभी गुप्त कार्य सफलता पूर्वक करता है जबकि इसकी किसी को भनक भी नहीं लगती |

फ़ास्ट टैग -अकसर अगर आपको रोजाना ऑफिस जाते वक्त या अपने वाहन को अपने गतव्य स्थान पर ले जाने के लिए टोल प्लाजा से गुजरना होता है, तो इस दरमियान आपको  आप टोल प्लाजा पर  लाइन मे लगने वाले समय के इलावा वहां पर स्टार्ट गाड़ी में जलने वाले पेट्रोल का प्रदूषण व् काफी समय भी बरबाद करना पड़ता है  आप अपनी गाड़ी पर फास्ट टैग लगवा कर उक्त सभी तरह की बर्बादी से तीन चीज बचा सकते हो एक समय ,दूसरा धन व् तीसरा पर्यावरण को बचा सकते हैं |व् इसके इलावा आप  कतार में रुकने से दिलाएगा निजात
पा सकते है |
स्मार्ट जमाने में आप उकत सभी चीजों की बर्बादी से बचने के लिए  अपने किसी भी वाहन पर 'फास्टैग' लगवा  सकते हैं.  फास्ट टैग लगवाने या मंगवाने के लिए आप  हमसे सम्पर्क कर सकते है फोन 9416107685 या ई मेल :fastcsccenter@gmail.com पर आप हमसे सम्पर्क कर सकते है |   भारत सरकार ने फास्टैग' लाने की घोषणा की है. पूरे देश के सभी राजमार्गों पर टोल शुल्क देने को आसान बनाने के लिए फास्टैग सिस्टम  को शुरू किया है।

फास्ट टैग खरीद सकते हैं ऑनलाइन

नए व् पुराने वाहनों के लिए आप फास्टैग को ऑनलाइन खरीद सकते हैं। हमसे  फास्टैग खरीदकर प्रयोग करने वाले ग्राहकों को स्कीम के तहर प्रत्येक टोल लेनदेन में 7  % का कैशबैक मिलेगा। बैंक इस वित्त वर्ष के अंत तक फास्टैग का प्रयोग करने वाले वाहनों की संख्या 10 लाख के पार पहुंचाने की उम्मीद करता है। फास्ट टैग खरीदने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.fastcsc.online पर आकर खरीद सकते है|
ऑनलाइन फास्ट टैग खरीदने के लिए आपको अपने वाहन की कॉपी ,वाहन मालिक के आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी ,एक फोटो व् फास्ट टैग ई एक्टिवेशन फीस देनी होती है

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CTET 2018 की परीक्षा का परिणाम घोषित

CTET 2018 की परीक्षा 9 दिसंबर 2018 को आयोजित की गई थी उसका परिणाम घोषित कर दिया गया है |.

बता दें कि इस बार प्राइमरी स्कूल में टीचिंग के लिए 10,73,545 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 17 फीसदी यानी 1,78,273 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं. वहीं, मिडिल स्कूल में टीचिंग के लिए 8,78,425 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 15 फीसदी यानी 1,26,968 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं. बता दें कि यह परीक्षा दो साल बाद हुई थी.
CTET Result देखने के लिए यहां क्लिक करें.

क्या है पास होने का क्राइटेरिया

इस परीक्षा में पास होने के लिए सामान्य अभ्यर्थी के 60 फीसदी अंक होने जरूरी हैं जबकि आरक्षित वर्ग के लिए यह सीमा 55 फीसदी है. जिन उम्मीदवारों के इतने अंक आ जाएंगे, उन्हें ही CTET सर्टिफिकेट दिया जाएगा. यह सर्टिफिकेट सात साल तक मान्य होता है. अपने अंकों में सुधार करने के लिए यह परीक्षा दोबारा भी दी जा सकती है. यह परीक्षा एक से ज्यादा बार दी जा सकती है.

परीक्षा पास करने के बाद

बता दें कि CTET परीक्षा किसी नौकरी के लिए नहीं होती है, बल्कि यह अध्यापक पदों के लिए होने वाले एग्जाम के लिए योग्य बनाती है. इस परीक्षा को पास करने के बाद ही आवेदक टीचर्स के लिए निकली वेकेन्सी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. सीटेट परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थी KVS, NVS, Central Tibetan Schools आदि स्कूल में निकलने वाले टीचर्स के पदों पर अप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा उम्मीदवार केन्द्र शासित प्रदेशों के स्कूल में भी अप्लाई करस कते हैं. अगर राज्यों में TET परीक्षा नहीं होती है तो राज्य भी इस परीक्षा को मान्यता दे सकते हैं.
यह परीक्षा देश भर में 2100 से ज्यादा केंद्रों में आयोजित की गई थी. इस बार परीक्षा की तिथि के 25 दिनों में ही इसके नतीजे घोषित कर दिए गए. इससे पहले इतने कम समय में कभी भी परीक्षा के नतीजे नहीं आए थे |
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Thursday 20 December 2018

Computer Course

All Available Course 
*BCC
*HKCL
*SETC
*N.T.T, 
*Diploma in panchayati Raj ,  
*Dairy Management,
*Fire man course
*Yoga Course
*Beauty parlour course बेसिक कम्प्यूटर कोर्स
हरियाणा डाक सेवक पद हेतु जरूरी कम्प्यूटर कोर्स के लिए संपर्क करे
फास्ट सी एस सी फतेहाबाद 

बेसिक कम्प्यूटर कोर्स  Basic Computer Course Or Basic concepts of  Computer (BCC)

B - Basic 
C - Computer
C - concepts
Computer Course Or Basic concepts of computer
कम्प्यूटर बेसिक ज्ञान
BCC COURSE TRAINING VIDEOS
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हम बात करते हैं Computer सीखने के बारे में तो हम शुरू करने से पहले आपको बता दें कि कंप्यूटर में क्या सीखना आवश्यक है कई बार आप किसी कोचिंग क्लास या Computer class में हजारों रुपये और समय बेकार हो जाता है परन्तु इतना कुछ भी नहीं सीख  पाते जिसकी आपको ज़रूरत होती है |
मित्रों
computer की Jobs में आप को कई तरह के कार्य करने पड़ सकते हैं जैसे typing, scanning, data entry, photo editing आदि। यदि आप इस प्रकार की जॉब करना चाहते हैं तो आपको मुख्य रूप से बेसिक सीखना जरूरी है कंप्यूटर बेसिक मे MS Office, Paint, Photoshop  के साथ-साथ Typing का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए और Internet का भी ज्ञान होना ज़रूरी है |
बेसिक कम्प्यूटर कोर्स  Basic Computer Course Or Basic concepts of computer  सरकार दुवारा मूलभूत रुप से  तैयार किया पाठ्क्रम है जिसको  हर सरकारी नौकरी के अनुरूप बनाया गया है | आजकल हर सरकारी नौकरी के लिए बेसिक कम्प्यूटर कोर्स अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें अधिकतर SETC के तहत आने वाले संसथानो के कोर्स को पहल के आधार पर मान्यता दी जाती है जिनमे CSC ACADEMY, SECT,HKCL,HARTRON etc. प्रमुख है |

यह सभी जानते हैं की हर सरकारी या गैरसरकारी कार्यलय या विभाग में कार्य का अगल अलग प्रारूप होता है या यूँ कहें की अलग तरह का कार्य होता है उस स्थिति में यह भी सव्भाविक है कि वहा के कम्प्यूटर के कार्य भी अलग तरह के होते होंगे तथा में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर भी अलग तरह के होते होंगे | मगर बेसिक कोर्स वही एक रूप में ही होता है जिसने BCC कोर्स किया है उसके लिए किसी भा आफिस में कार्य करने का बेसिक ज्ञान अति जरूरी है रही सबंधित कार्यालय में कार्य करने की इसके लिए आपको हर कार्यालय अपने कार्यलय की ट्रेनिंग खुद मुहैया करवाता है | तो आपको इसे इतनी समझ में आ गयी होगी की किसी भी सरकारी संस्थान से Basic Computer Course Or Basic concepts of computer की क्या खासियत है |

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहाँ पर्सनल कम्प्यूटर को इंटरनेट जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है तथा नित नए आवश्यकतानुरूप सॉफ्टवेयरों के प्रवेश ने कम्प्यूटर के महत्व को बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी ओर कम्प्यूटर के क्षेत्र में नए प्रवेश करने वालों के लिए कम्प्यूटर कोर्स का चयन करना एक समस्या है।   
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कम्प्यूटर क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए यह एक प्राथमिकता भी है, क्योंकि रुचि एवं आवश्यकतानुरूप कोर्स का चयन न होने पर व्यक्ति के योग्यता पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। साथ ही व्यक्ति अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं कर सकेगा।
कम्प्यूटर कोर्स का चयन - कम्प्यूटर कोर्स का चयन करते समय सर्वप्रथम निम्न दो मुख्य बिदुओं पर निर्णय लिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
1 -कम्प्यूटर कोर्स- शुरुआत में आपको यह समझना होगा को बेसिक कम्प्यूटर कोर्स हार्डवेयर कोर्स तथा सॉफ्टवेयर कोर्स में क्या फर्क है|

बेसिक कम्प्यूटर कोर्स शुरुआती कोर्स है जो कम्प्यूटर पर हर एक कार्य करने वाले के लिए आवश्यक है फिर चाहे वह निजी कम्प्यूटर चलाने वाला हो या किसी सरकारी या गैरसरकारी संस्थान में कम्प्यूटर का कार्य करना चाहता / चाहती हो | इस तरह किसी मकान का निर्माण करने केलिए उसकी मजबूत नींव की भराई की जाती है मजबत नींव के बिना मजबुत मकान बनाना असंभव है उसी कम्प्यूटर का बेसिक परिशिक्षण लिए बिना बड़े से बड़ा कम्प्यूटर कोर्स बेकार है |    
2 -हार्डवेअर कोर्स - कंप्यूटर के भौतिक (Physical) भाग को हार्डवेयर कहा जाता है जैसे प्रोसेसर, रैम, जीपीयू, मॉनिटर, माउस आदि। जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर का निर्माण करते है तथा इन्हें हम देख, स्पर्श और महसूस कर सकते हैं। हार्डवेयर को कंप्यूटर का शरीर और सॉफ़्टवेयर को उसकी आत्मा कह सकते हैं. सॉफ़्टवेयर का उपयोग इन हार्डवेयर को संचालित करने के लिए किया जाता है सॉफ़्टवेयर को देखा जा सकता है, लेकिन आप इसे शारीरिक रूप से छू नहीं सकते। उदाहरण के लिए, कंप्यूटर मॉनीटर का इसका उपयोग वीडियो देखने, गेम खेलने या स्क्रीन पे आये आउटपुट को पढ़ने आदि के लिए करते हैं और माउस का इस्तेमाल नेविगेट करने के लिए करते हैं।

हार्डवेयर वह है जिसके द्वारा कंप्यूटर उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गये इनपुट को प्रोसेस करता है और हमे आउटपुट देता है। प्रोसेसर (CPU) के द्वारा ही कंप्यूटर डाटा और निर्देशो को प्रोसेस करता है और उस आउटपुट डाटा को रैम या हार्ड ड्राइव पर संग्रहित किया जा सकता है। एक साउंड कार्ड स्पीकर को ध्वनि प्रदान कर सकता है और एक वीडियो कार्ड मॉनिटर के लिए एक छवि प्रदान कर सकता है। यह सब हार्डवेयर है। हार्डवेयर का निर्माण कारखानों में होता है, जबकि सॉफ्टवेयर का निर्माण मनुष्य के सोच और रचनात्मकता के द्वारा होता हैं।
हार्डवेयर कोर्स की श्रेणी में उन कोर्स को सम्मिलित किया जाता है जो कम्प्यूटर को सुधारने एवं बनाने से संबंधित हैं। यदि आपकी रुचि कम्प्यूटर ऑपरेटिंग क्षेत्र में कार्य करने की न होकर टेक्निकल फील्ड में कार्य करने की है तो इस स्थिति में निःसंदेह कम्प्यूटर हार्डवेयर कोर्स की उपयोगिता की चर्चा की जाए तो यह एक निर्विवाद सत्य है कि कम्प्यूटर की माँग एवं सामान्य वर्ग में कम्प्यूटर की उपलब्धता के साथ ही कम्प्यूटर वैज्ञानिकों की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। अतः इस क्षेत्र में इच्छुक व्यक्तियों के लिए रोजगार की पर्याप्त संभावना है।
कंप्यूटर हार्डवेयर कोर्स के पाठ्यक्रम (Curriculum For Computer Hardware Course)
•    कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना (Computer Hardware Structure)
•    माइक्रोप्रोसेस (Microprocessor)
•    कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory)
•    मदरबोर्ड : (Motherboard)
•    कंप्यूटर पॉवर सप्लाई (SMPS)
•    हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
•    ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव (CD/DVD Drive)
•    कीबोर्ड और माउस (Keyboard and Mouse)
•    कंप्यूटर मॉनिटर (Monitor)
•    कंप्यूटर असेमबल करना ( Assembling  Computer)
•    कंप्यूटर इनपुट आउटपुट पोर्ट और डिवाइसेस (I/O Ports and Devices)
•    बायोस/सिमोस सेटअप करना (Setup BIOS/CMOS)
•    प्रिंटर (Printer) के बारे में सीखें
•    हार्डवेयर ट्रबलशुटिंग (Hardware Troubleshooting)

3 - सॉफ्टवेयर कोर्स - (क) डॉस बेस, (ख)विंडोज बेस- सॉफ्टवेयर कोर्स का उपयोग करते समय यह आवश्यक हो जाता है कि कोर्स का चयन इस प्रकार का हो जो कि वर्तमान समय की माँग के अनुरुप हो। वर्तमान में सभी जगह विंडोज बेस एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर पर ही आवश्यक कार्य किया जा सकता है जो कि वर्तमान आवश्यकता के अनुरुप हो। अतः कोर्स चयन में विंडोज बेस कोर्स को पर्याप्त महत्व दिया जाना चाहिए।
पूर्व में सभी कार्य डॉस बेस एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर पर संपादित किए जा रहे थे जो कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में खरे नही उतरते हैं। डॉस बेस एवं विडोंज बेस प्लेटफॉर्म में वास्तविक अंतर यह है कि डॉस बेस कोर्स केरेक्टर मोड में कार्य करते हैं अर्थात डिजाइनिंग एवं ग्रॉफिकल कार्य के लिए डॉस बेस में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। साथ ही फोंट परिवर्तन एवं साइज परिवर्तन की भी पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जबकि विंडोज ग्रॉफिक मोड पर कार्य करता है। अर्थात्‌ इसमें वे सभी व्यवस्थाएँ पर्याप्त सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं जो कि डॉस बेस पर उपलब्ध नहीं हैं।


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Wednesday 19 December 2018

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता को बढ़ावा देने ले लिए यह स्कीम भारत सरकार दुवारा लागु की गयी

 असुरक्षित पेयजल की खपत, मानव मस्तिष्क के अनुचित पर्यावरणीय स्वच्छता और व्यक्तिगत और खाद्य स्वच्छता की कमी के बारे में महान समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 1 9 86 में गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (सीआरएसपी) शुरू किया था। ग्रामीण लोगों के जीवन का स्वच्छता की व्यापक अवधारणा के साथ, सीआरएसपी ने 1 999 से प्रभाव के साथ कुल स्वच्छता अभियान (टीएससी) नाम से मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाया। टीएससी का नाम 01-04-2012 से प्रभावी रूप से निर्मल भारत अभियान (एनबीए) के रूप में बदल दिया गया था।

अब एनबीए 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के रूप में नामकरण किया जा रहा है।

मुख्य घटक आईडी एसबीएम-जी के तहत है

    व्यक्तिगत हाउस होल्ड लैट्रीन्स (आईएचएचएल)
    एसएलडब्ल्यूएम (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन)
    सीएससी (सामुदायिक स्वच्छता परिसर)
    ओडीएफ (ओपन डेफकेशन फ्री)

आईएचएचएल (व्यक्तिगत हाउस होट लाट्रिन)

व्यक्तिगत हाउस होल्ड लैट्रीन्स (आईएचएचएल) के निर्माण के लिए मिशन के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन गरीबी रेखा (बीपीएल) के सभी परिवारों और गरीबी रेखा के ऊपर (एपीएल) के लिए अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, छोटे और सीमांत किसानों , घर के साथ भूमिहीन मजदूर, शारीरिक रूप से विकलांग और महिलाओं के परिवारों के नेतृत्व में एसबीएम (जी) के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि / पहचान वाली एपीएल परिवारों को आईएएचएचएल की एक इकाई के निर्माण के लिए 12,000 रुपये तक की राशि दी जाएगी और पानी की उपलब्धता के लिए प्रदान की जाएगी, जिसमें हाथ धोने और सफाई के लिए भंडारण भी शामिल है। शौचालय। आईएचएचएल के लिए इस प्रोत्साहन का केंद्रीय हिस्सा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से 9 .00 / – (75%) होगा। राज्य का हिस्सा 3,000 / – (25%) होगा।
एसएलडब्ल्यूएम (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन)

एसबीएम (जी) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता, स्वच्छता और जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए है। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्लूएम) कार्यक्रम के प्रमुख घटक में से एक है। स्वच्छ गांवों को बनाने के लिए, यह आवश्यक है कि आईईसी के हस्तक्षेप ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करें ताकि जनसंख्या के बीच इन गतिविधियों की आवश्यकता महसूस हो सके। इसको कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए सिस्टम की स्थापना करना चाहिए ताकि जनसंख्या पर ठोस प्रभाव पड़े। समुदाय / ग्राम पंचायत को आगे आने और ऐसी व्यवस्था की मांग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जिसे बाद में उन्हें संचालित करना और बनाए रखना होगा एक बार जब यह मांग की जाती है कि यह संसाधन कुशलता से उपयोग किया जाता है, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत (जीपी) के लिए एसएलडब्लूएम को घरेलू संसाधनों की संख्या के आधार पर जीपी के लिए लगाए गए वित्तीय सहायता के साथ-साथ सभी जीपी को टिकाऊ एसएलडब्लूएम परियोजनाएं एसएलडब्लूएम परियोजनाओं के लिए एसबीएम (जी) के तहत कुल सहायता प्रत्येक जीपी में कुल परिवारों की संख्या के आधार पर की जाएगी, जो कि अधिकतम जीडीपी के लिए 7 लाख रुपये के लिए 150 घरों के लिए, 12 लाख रुपये 300 घरों में, 15 लाख तक 500 घरों तक और 500 से अधिक घरों वाले जीपी के लिए 20 लाख रुपये। एसबीएम (जी) के तहत एसएलडब्ल्यूएम परियोजना के लिए फंडिंग 75:25 के अनुपात में केन्द्रीय और राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। किसी भी अतिरिक्त लागत की आवश्यकता को राज्य / जीपी से धन और अन्य स्रोतों जैसे वित्त आयोग के वित्तपोषण, सीएसआर, स्वच्छ भारत खोश और पीपीपी मॉडल के माध्यम से पूरा किया जाना है।
सीएससी (सामुदायिक स्वच्छता परिसर)

सामुदायिक स्वच्छता परिसरों जिसमें उचित संख्या में शौचालय सीटें, स्नान घनघों, धोने के प्लेटफार्म, वॉश बेसिन इत्यादि शामिल हैं, गांव में एक जगह में स्वीकार्य और सभी के लिए सुलभ हो सकते हैं। आमतौर पर ऐसे कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना चाहिए, जब गांव में घर के शौचालयों के निर्माण के लिए जगह नहीं होती है और समुदाय / जीपी अपने संचालन और रखरखाव की ज़िम्मेदारी का मालिक बना लेता है और इसके लिए एक विशिष्ट मांग देता है। ऐसे परिसर सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, बस स्टैंड आदि पर किया जा सकता है, जहां लोगों की बड़ी संख्या में मण्डली होती है। ऐसे परिसरों का रख-रखाव बहुत जरूरी है, जिसके लिए ग्राम पंचायत की अंतिम जिम्मेदारी होनी चाहिए और ऑपरेशन और रखरखाव का आश्वासन दिया जाना चाहिए। प्रयोक्ता परिवार, विशेष रूप से घरों के लिए परिसरों के मामले में, सफाई के लिए उचित मासिक उपयोगकर्ता शुल्क में योगदान करने के लिए कहा जा सकता है; रखरखाव। एक समुदाय स्वच्छता परिसर के लिए निर्धारित अधिकतम प्रति यूनिट 2 लाख रुपये है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और समुदाय के बीच साझाकरण पैटर्न 60: 30:10 के अनुपात में होगा। हालांकि, समुदाय योगदान, पंचायत द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से, वित्त आयोग के अनुदान से, राज्य के किसी भी अन्य निधि से, जिसे राज्य द्वारा अधिकृत रूप से अनुमत किया गया हो, या राज्य से प्राप्त किसी अन्य स्रोत से, जिला या जीपी। सीएससी / सार्वजनिक शौचालयों को वित्तपोषण के लिए, राज्यों को व्यक्तिगत परिसरों की लागत बढ़ाने के लिए सीएसआर / सीएसओ / एनजीओ से भी अतिरिक्त धन का स्रोत हो सकता है। यह विधेयक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) / वीजीएफ हो सकता है, जो सुविधाओं के संचालन और रखरखाव की जरूरत को पूरा करना चाहिए। इन सीएससी को पानी की आपूर्ति को एनआरडीडब्ल्यूपी के तहत आश्वासन दिया जाना चाहिए, इससे पहले कि सीएससी को मंजूरी मिल गई है।
ओडीएफ (ओपन डेफकेशन फ्री)

स्वच्छ भारत मिशन के शुभारंभ के बाद, सभी राज्यों में स्वच्छता का काम त्वरित चल रहा है। साथ ही परिणामों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, दो चीजों पर जोर दिया गया है। एक, व्यवहार परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करें, और दो, स्वास्थ्य लाभ के लिए गांवों को पूरी तरह से खुले शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने पर ध्यान केंद्रित करें (जबकि व्यक्तिगत शौचालयों की मांग का जवाब देना जारी रखें।) कई जीपी और गांवों ने अब ओडीएफ बनना शुरू कर दिया है। -16, राज्यों ने 42828 जीपी ओडीएफ को अपने एल्पी के अनुसार बनाने की योजना बनाई है। एमआईएस पर, एक जीडीपी पर कब्जा करने के लिए एक मॉड्यूल शुरू किया गया है जहां 100% शौचालय पहुंच हासिल की गई है। यह संख्या 1 जुलाई 2015 तक 12,216 है। देश भर में, विभिन्न राज्यों से, विभिन्न व्यभिचार / जीपी के बारे में नियमित रूप से जानकारी प्राप्त की जा रही है, जो खुद को ओडीएफ घोषित करते हैं
(सुझाव: सुरक्षित प्रौद्योगिकी विकल्प का अर्थ है सतह की मिट्टी, भूजल या सतह के पानी का कोई संदूषण नहीं है, मक्खियों या जानवरों के लिए अपर्याप्त नहीं, ताजा मस्तिष्क का कोई संचालन नहीं, और गंध और भद्दा स्थिति से स्वतंत्रता)
लाभार्थी:

ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक
लाभ:

क्षेत्र को खुले मे शौचमुक्त करने के लिये।
है जिसमे गरीब परिवारों को जिनके घर में लेट्रिन का इंतजाम नहीं है तथा वह परिवार खुले में सोच जाते है इस तरह के परिवारों को रु 50000 का अनुदान दिया जाता है
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Monday 3 December 2018

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र

BIRTH AND DEATH REGISTRATION
 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
 जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का होना अति जरुरी है इन समय समय पर इन दस्तावेजों की जरूरत रहती है व्
 जन्म व मृत्यु पंजीकरण कैसे कराये ?   आप जन्म और मृत्यु पंजीकरण के को जन्म या मृत्यु हो जाने के 21  दिन में सबंधित नगर परिषद् में बिना किसी फीस के रजिस्टर कराया जा सकता है निर्धारित समय के बाद आपको इन जन्म व् मृत्यु की घटना के बारे में दर्ज करवाने के लिए फाइल तैया करानी पड़ती है व् लम्बी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें पैसा व् वक्त दोनों लगते है |


भारतीय जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 ( Registration of Births & Deaths Act, 1969 ) ( Birth And Death Registration Act In India ) के तहत प्रत्येक व्यक्ति के जन्म एवं  मृत्यु का पंजीकरण 21 दिन के अन्दर करवाना अनिवार्य है. जन्‍म-मृत्‍यु पंजीकरण अधिनि‍यम 1969 के नियम 9(3) के अनुसार जन्‍म या मृत्‍यु  चाहे कितना भी पुराना हो  हो, उसका Registration कराया जा सकता है.|

अगर आप फतेहाबाद में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए फाइल बनवाना चाहते है तो आप फास्ट CSC  सेंटर भाटिया कालोनी फतेहाबाद से सम्पर्क कर सकते है |
फोन नंबर 9416107685

 Birth And Death Registration Haryana

 जन्म प्रमाण पत्र की फाइल

 मृत्यु प्रमाण पत्र की फाइल 
खड़े पेअर पर इन दस्तावेजों को किसी भी तरह से तैयार नहीं कराया जा सकता |

Death Certificate Complete File and Forms

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Tuesday 27 November 2018

पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र

digital-life-certificate

भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह जीवन के
पेंशनभोगियों को सेवानिवृत्ति के बाद बैंक जैसे अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में अपनी पेंशन चालु रखने के लिए नवम्बर माह में अपना जीवित होने का प्रमाण अर्थात जीवन प्रमाण-पत्र जमा कराना पड़ता है, जिसके बाद ही उन्हें पेंशन दी जाती है।

जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगी को अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना पड़ता है या फिर जिस कार्यालय में वह काम करते थे वहाँ के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जीवन प्रमाण-पत्र संवितरण एजेंसी को उपलब्ध कराना पड़ता है। पेंशन प्राप्त करने के लिए संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना और जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करना ही पेंशनभोगियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। यह भी देखा गया है कि इसके कारण ऐसे पेंशनभोगियों को समस्या होती है जो वृद्ध और शारीरिक रूप से कमज़ोर हैं और जो जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए हर समय प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रह सकते। इसके साथ ही बहुत से सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने परिवार के साथ रहने के लिए एवं कई अन्य कारणों से कहीं और रहने लगते हैं जिसके कारण पेंशन प्राप्त करने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

जीवन प्रमाण - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के रूप जानी जाने वाली भारत सरकार की पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है योजना का उद्देश्य जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर इसे आसान बनाना है। इसका लक्ष्य जीवन प्रमाण-पत्र की पूरी प्रक्रिया को पेंशनभोगियों के लिए सुविधाजनक और आसान बनाना है। इस पहल के द्वारा अब पेंशनभोगियों को संवितरण एजेंसी और प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रहना होगा जो उनके लिए लाभदायक है एवं इस तरह उन्हें अनावश्यक बाधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

जीवन प्रमाण कान से प्रापत करें  - देश बाहर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर से यह जीवन प्रमाण सर्टीफिकेट अपना आधार कार्ड पेंशनर आई डी ले जाकर कोइ भी पेंशनर अपना डिजिटल लाइफ सट्रिफिकेट बनवा सकता है जो की पूर्ण रूप से पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल सेवा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सरकारी संस्थाओं के पेंशनभोगी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
फतेहाबाद में यह सेवा फास्ट CSC  सेण्टर गली नंबर 9   कीर्ति नगर रोड   भाटिया कालोनी फतेहाबाद पर उपलबध है |
इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी ज़रूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में पेंशन एकमात्र संचित निधी है जो बुढ़ापे में उनकी आर्थिक सहायता करती है।
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